मंगलवार, 2 अगस्त 2011

बसंत दूत

रूठ के शाख से
गिरते पत्तोँ
जा करके फिर आना
बन बसंत दूत दुबारा
शाखोँ पर तुम आना।
शाखोँ को सूना करके
पेड़ोँ को ठूँठ बनाके
यूँ रूठ के मत जाना।
बन बसंत दूत दुबारा
शाखोँ पर तुम आना।